3rd Mantra Of Isa-Upanishada
असुर्या नाम ते लोका अन्धेन तमसाऽऽवृताः।
ताँस्ते प्रेत्याभिगच्छन्ति ये के चात्महनो जनाः॥३॥
(वे असुर सम्बन्धी लोक आत्मा के अदर्शन रूप अज्ञान से अच्छादित हैं। जो कोई भी आत्मा का हनन करने वाले हैं वे आत्मघाती जीव मरने के अनन्तर उन्हीं लोकों में जाते हैं। (अर्थात जो कोई भी आत्महत्या अथवा आत्मा के विरुद्ध आचरण करते हैं वे निश्चित रूप से प्रेत-लोक में जाते हैं।)॥3॥)
ताँस्ते प्रेत्याभिगच्छन्ति ये के चात्महनो जनाः॥३॥
(वे असुर सम्बन्धी लोक आत्मा के अदर्शन रूप अज्ञान से अच्छादित हैं। जो कोई भी आत्मा का हनन करने वाले हैं वे आत्मघाती जीव मरने के अनन्तर उन्हीं लोकों में जाते हैं। (अर्थात जो कोई भी आत्महत्या अथवा आत्मा के विरुद्ध आचरण करते हैं वे निश्चित रूप से प्रेत-लोक में जाते हैं।)॥3॥)
After departing their bodies, they (those that are ignorant) who have killed the Self go to the worlds of the devils (as compared with the non-dual state of the supreme Self even gods are (Asuras), covered with blinding ignorance.
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