ईशावास्योपनिषद

11th Mantra of Upanishad.
विद्यां चाविद्यां च यस्तद्वेदोभयँ सह।
अविद्यया मृत्युं तीर्त्वा विद्ययाऽमृतमश्नुते॥११॥
जो विद्या और अविद्या-इन दोनों को ही एक साथ जानता है, वह अविद्या से मृत्यु को पार करके विद्या से अमरत्व प्राप्त कर लेता है ॥११॥
He who knows at the same time both Vidya the Knowledge and Avidya the Ignorance, crosses beyond death by Avidya and obtains Immortality by Vidya

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