इस ब्लॉग पर पढ़ें प्राचीन उपनिषदों का सार, रहस्यमयी कथाएँ और वेदांत दर्शन की गहन शिक्षाएँ – हिंदी में सरल व्याख्या के साथ। जानें आत्मा, परमात्मा और जीवन के परम सत्य को उपनिषदों के माध्यम से।
निश्चयरूप से यह (ॐ) अक्षर (नाश न होने वाला) ही तो ब्रह्म है।यह ही परम (सर्वश्रेष्ठ) अक्षर है। इसीलिए इसी अक्षर को जानकर जो जिस विषय की इच्छा करता है उसको वह प्राप्त हो जाता है।
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